Tuesday, November 22, 2016

क्या है past life regression और इसकी उपयोगिता क्या है ? मैं डॉ वंदना रघुवंशी, मेडिकल साइंस में अधिस्नातक होने के साथ साथ हीलर भी हूँ । ये थैरेपी कोई नई बात नहीं है बल्कि प्राचीन काल से ही इसका उपयोग होता आया है । गुरुकुलों में विध्यार्थियों की गलत आदतों को समाप्त करने और अच्छे संस्कारों को feed करने के लिए गुरु लोग इसका उपयोग करते आये हैं ।भगवत गीता के अध्याय-2 के श्लोक -12 और 13 में श्री कृष्ण कहते हैं कि हे अर्जुन "न तो ऐसा है कि मैं किसी काल में नहीं था, तू नहीं था या ये राजा लोग नहीं थे और न ही ऐसा है कि मरने के बाद हम सब नहीं रहेंगे , आगे कहते हैं कि जैसे बचपन के बाद जवानी और फिर बुढ़ापा आता है उसी प्रकार जीवात्मा को नये शरीर की प्राप्ति होती है ।इसी प्रकार अध्याय -4 के श्लोक -5 में कहते हैं कि हे अर्जुन मेरे और तेरे अनेक जन्म हो चुके हैं उन सबको तू नहीं जनता, लेकिन मैं जानता हूँ, अध्याय -8 के श्लोक -6 में कहते हैं कि मनुष्य जिस जिस भावना को स्मरण करता रहता है तब मृत्यु के पश्चात उसी प्रकार से उसको प्राप्ति होती है ।इस प्रकार गीता में पुनर्जन्म और उन जन्मो की भाव संस्कारों की स्मृति को आगे के जन्मो में Cary on होने की बात सिद्ध कर दिया है । महर्षि पातंजल ने भी योग दर्शन में , विभूति चैप्टर के सूत्र-18,19 और 20 में यह स्पष्ट कर दिया है कि संस्कार के साक्षात्कार इसका अर्थ ये है कि किसी भावना के विषय में पूछताछ करने पर पूर्व जन्म के कर्मों का ज्ञान होता है अर्थात पता चलता है ।उन्होंने ये भी स्पस्ट किया है की इसी प्रकार दुसरे मनुष्य के भी पूर्व जीवन के बारे में जानकारी की जा सकती है और भविष्य का ज्ञान भी किया जा सकता है । बर्तमान में भी मन के कई स्तरों के विषय में काफी खोजबीन हुई है और मनोवैज्ञानिकों ने इसको सरल करके past life regression की थैरेपी विकसित की है । बहुत सारे लोगों ने इस थैरेपी से अपने जीवन की विभिन्न परेशानियों को सुलझाया है और खुशहाल जीवन की ओर अग्रसर हैं । तो आइये आप भी इसकी उपयोगिता का लाभ उठायें ।